प्रसिद्ध दार्शनिक डायोजिनीस दाल-रोटी खा रहे थे। उन्हें दाल-रोटी खाते हुए एक अन्य दार्शनिक अरिस्टीप्पस ने देखा, जो राजा की खुशामद करके आराम से गुजर-बसर कर रहे थे।
अरिस्टीप्पस तपाक से बोले - "यदि तुम भी राजा की जी-हुजुरी करना सीख लो तो इस तरह तुम्हें दाल-रोटी पर गुजारा नहीं करना पड़ेगा। "
डायोजिनीस ने सरलतापूर्वक उत्तर दिया - "यदि तुम दाल-रोटी पर गुजारा करना सीख लो तो तुम्हें राजा की खुशामद करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।"
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