शर्म है मुझे उस देश का नागरिक होने पर

शर्म है मुझे उस देश का नागरिक होने पर जिसका राष्ट्रपिता नामर्द गाँधी है

शर्म है मुझे उस देश का नागरिक होने पर जिसका प्रधानमंत्री काम नेताजी जैसा करता है और नाम नामर्द गाँधी का लेता है ।

शर्म है मुझे उस देश का नागरिक होने पर जिस देश में नामर्द गाँधी के 150 साल होने पर शोक दिवस मानाने की बात होती है।

शर्म है मुझे उस देश का नागरिक होने पर जहाँ नेताजी को प्रधानमंत्री एक ट्वीट कर के भुला देगा।

शर्म है मुझे उस देश का नागरिक होने पर जहाँ नेताजी का इतिहास  मिटाया जा रहा है ।

शर्म है मुझे उस देश का नागरिक होने पर जहाँ नामर्द गाँधी को बढ़ावा देने के लिए नेताजी को दबाया जा रहा है।

आज आप सबसे एक निवेदन आज से गाँधी नाम के पहले नामर्द घटिया चुतिया इस प्रकार के विशेषण का प्रयोग अवश्य करें।

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