बेवकूफ कौन

आज सभी राजनैतिक दल सुचना के कानून के विरोध में एक साथ खड़े हो गए है। उन्हें सुचना के अधिकार के अंतर्गत लाना चाहिए या नही यह तो कठिन प्रश्न है।पर एक अपराधी को चुनाव लड़ने से रोकना भी गलत है?

भारत के लिए एक उभरता हुआ नकारात्मक पहलू यह का लोकतंत्र है क्युकी इसमें हमने  जनता को सारी ताकत दे रखी है जोकि बेवकूफ है। जो चाहती है की उसके घर की बहु बेटी का बलात्कार हो, अगर उसके घर किसी की हत्या नही हो तो उसे चैन की नींद नही आएगी।

अगर मै गलत होता तो आज किसी राजनैतिक दल की सर्वोच्य न्यायालय के निर्णय के विरोध करने की हिम्मत नही होती जिसमे उन्होंने सिर्फ बलात्कारी और हत्यारे को चुनाव लड़ने से रोक है, या फिर जनता उन राजनैतिक दलों को सबक सिखा देगी।

अब जनता को चुनना है की बेवकूफ कौन है।

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