एक लड़की... एक दोस्त और एक बहन

समकित.... समकित....
नागपुर की सबुह, और अभी तो सिर्फ 7ही बजे हैं... पर अब शिवा उठा रहा है उठाना तो पड़ेगा ही... मैं भी उठा और गणेश भी... अब ये क्या अभी तो हम उठ रहे हैं और अब ये हमको तैयार होने बोल रहा...
अब आश्चर्य इस बात का है की हम रात को 3.45 को हम सोये थे तो ये शिवा इतना जल्दी उठा कैसे?
ओह्ह्ह तभी गणेश को याद आया आज तो वो आने वाली है....
अब हमें भी समझ गया की अब कोई बहाना काम नही आएगा सो हम उठ भी गये और ठीक ठाक हो गये।
चलो अभी हम संभले ही थे की वो मोहतरमा भी पहुँच गई शिवा ने मैडम का परिचय कराया, हमने उनको hi बोला उनको और उन्होंने भी हमें  hi कहा। इससे ज्यादा कुछ कहने की कला हममे नही थी और ना वो मैडम अभी सहज थी।
अब रवि जीजाजी ने हम सब की ख़ामोशी को कम करने के लिए हम सबको को पोहे खिलाने ले गये
मैडम को पोहे पसंद नही थे पर जैसे दुल्हन शुरू शुरू में ससुराल में कुछ भी बोलने से हिचकती है वैसे ही ये भी कुछ बोल नही पाई।
पर फिर भी हमारी कला की कमी और असहजता के चलते 2 बज गये और हमने कुछ बात नही की। हम सब खाना खाने पहुचे तभी हमको एक कड़ी फटकार और नसीहत मिली की मेहमान नवाजी कैसे की जाती है, अब ये बताने की जरूरत नही है की ये महोदय कौन है, शायद शिवा ने इतने गुस्से में हमसे कभी निवेदन नही किया था।
खैर अब हमको मैडम के पास जाना तो था हम गये और कुछ ही देर में हमको एहसास हो गया की हमने बहुत ही क्वालिटी टाइम मिस कर दिया खैर अब इसको डांट का असर बोलो या मैडम के जलवे पहली बार मैंने किसी लड़की से इतनी बात की थी या ऐसा बोल सकते की किसी लड़की ने मुझसे पहली बार इतनी बात की थी। मैडम के पास कोई आप्शन तो था नही और जब मैडम शिवा की खास हो तो हमको भी डर नही था तो हमने भी उनको खूब पकाया(बोर किया)।
अब मेरी प्यारी दोस्त भव्या की बात करते हैं ऐसे तो भव्या 5 साल की है और मैं 24 पर जब हम दोनों साथ होते है तो वो कुछ समझदार हो जाती है और मुझ में कुछ बचपना आ जाता है।
शाम का समय था हम सब बैठे थे अचानक भव्या आई और मैडम जी (श्रीदेवी) अत्ता बोल दी, हमको अत्ता का मतलब मामी पता था, सब लोग मेरे तरफ घुर के देख रहे हैं और मैं शिवा को खोज रहा था, अगर वो सुन लेता तो फिर मुझे बिना क़त्ल किये क़त्ल के इलज़ाम में फांसी हो जाती...
खैर छोडो अभी मेरा काम था भव्या को रोकना, पर जैसा मैंने बताया वो थोड़ी समझदार हो जाती है वो भी समझ गई  की कुछ बात है अब तो उसके लिए ये खेल बनने वाला था और अब उसकी आवाज़ भी तेज हो जाती पर, डैमेज कंट्रोल के लिए मैंने उसको और श्रीदेवी का एक और नाम रख दिया दादी अम्मा...
ये नया नाम भव्या के लिए ज्यादा मजेदार था और हमारे लिए कम खतरनाक...
ये तो हुई भव्या की बात पर इसी बीच मैडम जी को आया हम पर गुस्सा... पर भगवान् का शुक्र है की ये नागपुर था यदि ये चेम्बूर होता तो मेरा हुक्का पानी बंद हो चूका होता। खैर अभी शिवा से दोस्ती काम आई और बिना की एक्शन के हम बरी हो गये। पर मैडम भी मौका चुकने वालो में से नही थी कोशिश बहुत की उन्होंने भी...
हाँ पर इसी चक्कर में दोस्ती हमारी भी कुछ और अच्छी हो गई।
अब रात में शिवा का मौंज ये ही वो कारण जिसके कारण हम सब मिले थे। मौंज में करने को हमारे पास भी कुछ नही था और मैडम के पास भी और हमें कंपनी देने के लिए जीजाजी तो थे। मैडम आज शिवा को अपनी खूबसूरती दिखाने के लिए सज धज के आई थी पर हमारे शिवा ने घास भी नही डाली उन पर, मैडम थोड़ी उदास हुई। और हमको फिर कुछ कमेंट करने का मौका मिल गया। आज सवेरे भी जीजाजी ने पोहे का ऑफर किया पर अब मैडम में इनडायरेक्टली ही सही मना करने का कॉन्फिडेंस आ गया था आखिर दो दो दोस्त कम देवर जो मिल गये थे। इसी तरह दिन ये दिन हंसी मजाक में निकल गया। आज शिवा सभी को बता रहा है की वो आज घर से बाहर नही निकल सकता और ये सुन के मैडम को टेंशन की यदि शिवा यदि घर से बाहर ही नही निकलेगा तो वो उनको स्टेशन छोड़ने कैसे जायेगा? मैडम अब धीरे से मुझको बोल रही है की तू कुछ कर... मैंने शिवा को एक बार बोला और वो बिना किसी ना नुकर के मान गया, इच्छा तो उसकी भी रही होगी बस वो दबा के रखा था, पर इसी बहाने मैडम शायद हमको कुछ काम का बन्दा समझी होगी।
शाम हुई और अब मेरे जाने का समय आ गया, मुझे मैडम को विदा करके जाने की बहुत इच्छा थी पर मुझे भी निकलना जरुरी था। और इस बात का खलल मुझे हमेशा रहेगा। अब हमारी बातचीत कभी कभी हो जाती है और ये मैडम अब हमको अपना छोटा भाई मानती है हालाँकि उम्र में ये अभी में हमसे ये बहुत छोटी हैं। पर फिर भी हम बड़े खुश की हमको भी एक बड़ी बहन मिल गई।
खैर दोस्ती का ये सिलसिला चलता ही रहेगा, भले हम लोग बहुत दूर रहते हैं पर अहसास नही होता।
तो ये थी एक लड़की, जो मेरी दोस्त बनी और बहन.....
और इस सब के लिए भगवान आपका खूब खूब धन्यवाद...
और जैसे आपने मुझे दोस्त कम ही दिए पर अच्छे, सच्चे और टिकाऊ दिए इस दोस्त को भी वैसे ही बनाये रखना।
Miss you sri

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