हाथ में हाथ

जब हम किसी का हाथ अपने हाथ में पकड़ते हैं या कोई हमारा हाथ अपने हाथ में पकड़ता है, तो एक अलग-सा एहसास होता है। ऐसा लगता है जैसे कोई अपनापन दिखा रहा है, या फिर शायद हमें सहारा दे रहा है।
कभी कभी बिना शब्दों की बात ज्यादा आसानी से हम तक पहुंचती, कुछ अहसास शब्दों के मोहताज नहीं होते उन्हीं में से एक है ये
हाँ, यह सच है कि हाथ पकड़ना एक सामान्य घटना है, पर इसमें छिपे हुए भाव इसे ख़ास बना देते हैं। यह सिर्फ़ शारीरिक क्रिया नहीं, बल्कि भावनाओं का आदान-प्रदान है। यह हमें यह एहसास दिलाता है कि हम अकेले नहीं हैं, कोई हमारे साथ है।
हाथ को थोड़ा-सा दबाना, इसका एक बहुत ही गहरा मतलब है जो सीधा-सीधा दिल में उतर जाता है कि तुम अकेले नहीं हो।
बस ऐसे ही, हर तकलीफ़ के समय में, हर चिंता के वक़्त या जब भी आपके मन में कोई नकारात्मक विचार आ रहा हो, एक ऐसा व्यक्ति जो सिर्फ़ आपका हाथ पकड़ ले, आपको सारी परेशानियों से बाहर निकाल देता है। ऐसा ही हाथ पकड़ने वाला सब की ज़िंदगी में हो, और मुझे भी मेरी ज़िंदगी में मिले।