और रात में सब से तन्हा हो जाना बहुत आसान है, पर अगले दिन जब प्यार से तुम्हारे सर पर हाथ रख के आशीर्वाद दे, या प्यार कोई दो निवाला रोटी के दे, या आज कहां घूमने चलना है कोई पूछ ले या शाम को आज का दिन कैसा था पूछ ले.... बड़ी आसानी से लोग तुम्हारी तन्हाई छीन लेते हैं....
पर फिर वो आंखे जिनमें नींद नहीं है, वो दिमाग जो इतना खाली है कि कल सुबह उठने कोई जिंदादिली भी नहीं बची है, वो जुबान जो बोलना तो बहुत चाहती है पर अकेले में नहीं... तुम्हे फिर खुद से प्यार करने पर मजबूर कर देती है
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