मुझे लगता है कि मैं बहुत सोच समझ कर अगर कोई निष्कर्ष पर पहुँचा हूँ तो वो सही है, पर यदि किसी कारण से सामने वाला को लॉजिकल वो सही भी लगे पर वो उसको नही माने तो मेरा अहंकार बढ़ जाता है।
सिद्धि को मम्मी ने जयश्री के लिए ड्रेस खरीदने बोली दोनो ने मिल कर ऑनलाइन ड्रेस पसंद भी कर लिया और मैंने कोई टोकाटाकी नही की। अगले दिन पैसे पटाने के लिए वो वर्धमान को बोली और वर्धमान के पूछने पर बताई नही की पैसे किस बात के तो मैंने जयश्री को मना किया सिद्धि के थ्रू ड्रेस मंगाने के लिए....
सिद्धि फिर जयश्री को बोली कि मैं मेरे लिए जो ड्रेस मंगा रही हूं वो पहन लेना पर मुझे वो बिल्कुल सही नही लगा तो मैंने जयश्री को बोला जो खरीदना है वो खरीद लो पर ऐसा मत करो इसका परिणाम बाद में अलग भी हो सकता है। शायद मेरी बात जयश्री को भी जंची..... और ये कहानी खत्म हो गई....
पर 4 दिन बाद जयश्री का msg आया सिद्धि का ड्रेस आ गया और वो उसको पहन के फोटो खींच के दिखाई, और मुझे बहुत बुरा लगा पर मैंने इग्नोर कर दिया फिर रात में वापस वो ड्रेस पहन के दिखाई उसकी चैन लगाने बोली मैं जानता हूँ कैसे कंट्रोल किया मैंने खुद उस समय फिर जयश्री ने पूछी मैं इसको रख लूं क्या मैंने बोला देख लो पसन्द है तो रख लो..... पर अंदर से मैं जल के राख हो चुका हूं......
अब लगता है किसी को कोई सलाह देना गलत है
तेरी राह का पत्थर दिखाना, मेरी नज़र को -ve बना रही है,
मेरी जरूरत तुझको बचाने की है या खुद को.....
किसी से ज्यादा लगाव या बहुत ज्यादा अपनापन कभी कभी तकलीफ दे देता है....
तेरी तकलीफ तेरी मुश्किल सिर्फ तेरी है क्या फर्क पड़ता है कि मैं तेरा कौन हूँ
सिद्धि को मम्मी ने जयश्री के लिए ड्रेस खरीदने बोली दोनो ने मिल कर ऑनलाइन ड्रेस पसंद भी कर लिया और मैंने कोई टोकाटाकी नही की। अगले दिन पैसे पटाने के लिए वो वर्धमान को बोली और वर्धमान के पूछने पर बताई नही की पैसे किस बात के तो मैंने जयश्री को मना किया सिद्धि के थ्रू ड्रेस मंगाने के लिए....
सिद्धि फिर जयश्री को बोली कि मैं मेरे लिए जो ड्रेस मंगा रही हूं वो पहन लेना पर मुझे वो बिल्कुल सही नही लगा तो मैंने जयश्री को बोला जो खरीदना है वो खरीद लो पर ऐसा मत करो इसका परिणाम बाद में अलग भी हो सकता है। शायद मेरी बात जयश्री को भी जंची..... और ये कहानी खत्म हो गई....
पर 4 दिन बाद जयश्री का msg आया सिद्धि का ड्रेस आ गया और वो उसको पहन के फोटो खींच के दिखाई, और मुझे बहुत बुरा लगा पर मैंने इग्नोर कर दिया फिर रात में वापस वो ड्रेस पहन के दिखाई उसकी चैन लगाने बोली मैं जानता हूँ कैसे कंट्रोल किया मैंने खुद उस समय फिर जयश्री ने पूछी मैं इसको रख लूं क्या मैंने बोला देख लो पसन्द है तो रख लो..... पर अंदर से मैं जल के राख हो चुका हूं......
अब लगता है किसी को कोई सलाह देना गलत है
तेरी राह का पत्थर दिखाना, मेरी नज़र को -ve बना रही है,
मेरी जरूरत तुझको बचाने की है या खुद को.....
किसी से ज्यादा लगाव या बहुत ज्यादा अपनापन कभी कभी तकलीफ दे देता है....
तेरी तकलीफ तेरी मुश्किल सिर्फ तेरी है क्या फर्क पड़ता है कि मैं तेरा कौन हूँ
2019 की बात है
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