आखरी मौका या नई शुरुआत


आखरी मौका सोच के एक नयी शुरुआत कर रहा ‌हूँ, ये समझ भी रहा हूँ पर पीछे हटने की इच्छा भी नही हो रही है| खैर अब फिर मै उसके लिए कोशिश करने तो वाला हूँ| साथ साथ अभी जो संयोग हो रहे है उनका मतलब निकालना बहुत कठिन है, गजभिये गुरूजी का हमको रोकना, माँ का इसी समय नाना घर जाना, और मामी का यहाँ नही होना....
मुझे लगता है की ये उसकी किसी महाविद्यालय में दाखिला लेने से पहले की, नागपूर अंतिम यात्रा है|  पर मै उसकी मदद करना चाहता हूँ, एक दोस्त के नाते तो नही,
एक बात तो बिलकुल सच ही कही गई है लड़की के आने से इन्सान बदल जाता है,.... मै तो बदल गया